Candy Crush गेम को AI का इस्‍तेमाल कर और एडिक्टिव बना रहा ? बार-बार लौट आते हैं गेमर्स

Candy Crush गेम को AI का इस्‍तेमाल कर और एडिक्टिव बना रहा ? बार-बार लौट आते हैं गेमर्स

 

मुंबई  | ‘कैंडी क्रश’ एक ऐसा गेम है जिसे खेलने में लोग घंटों बिता देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे एआई का भी हाथ है? जी हां, एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस गेम को और भी ज्यादा मजेदार और एडिक्टिव बना रहा है. एआई का इस्तेमाल गेम के लेवल्स को इस तरह से डिजाइन करने में किया जा रहा है कि खिलाड़ी को हर बार एक नया चैलेंज मिले. इससे खिलाड़ी का इंटरेस्ट बना रहता है और वह बार-बार गेम खेलने के लिए वापस आता है. एआई यह भी देखता है कि खिलाड़ी किस तरह के लेवल्स को ज्यादा पसंद कर रहा है और उसी के अनुसार नए लेवल्स तैयार करता है.

इसके अलावा, एआई यह भी सुनिश्चित करता है कि गेम का डिफिकल्टी लेवल ऐसा हो कि खिलाड़ी को ज्यादा मुश्किल न हो, लेकिन इतना आसान भी न हो कि वह बोर हो जाए. इस तरह, एआई ‘कैंडी क्रश’ को और भी ज्यादा एडिक्टिव बना रहा है.

 

पजल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से डिजाइन किया

Candy Crush Saga के 18,700 से ज्यादा लेवल्स को पार करने वाले प्लेयर्स को यह जानकर हैरानी हो सकती है कि वो ज‍िस पजल को सॉल्व कर रहे हैं वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से डिजाइन किया गया है.

कैंडी क्रश फ्रैंचाइजी के जनरल मैनेजर टॉड ग्रीन ने कहा कि एआई डेवलपर्स की मदद करता है, जिससे हजारों लेवल्स को अपडेट और रीवर्क करना आसान हो जाता है. उनके अनुसार, बिना एआई की मदद के डिजाइनर्स के लिए 18,000 से ज्यादा लेवल्स को मैनेज करना बेहद मुश्किल होता.  ग्रीन ने समझाया क‍ि हम गेम में चैटबॉट्स नहीं डाल रहे हैं. हम खिलाड़ियों के लिए एआई-पावर्ड डिजाइन एक्सपीरियंस को सीधे गेम में नहीं डाल रहे हैं. इसके बजाय, हम एआई का उपयोग मौजूदा समस्याओं को हल करने के लिए कर रहे हैं ताकि टीमों का काम तेज और अधिक सटीक हो सके.

ग्रीन ने कहा क‍ि हम गेम में चैटबॉट्स नहीं डाल रहे हैं. हम गेम में खिलाड़ियों के लिए AI-पावर्ड डिजाइन एक्‍सपीर‍िएंस भी नहीं डाल रहे हैं. AI का उपयोग, गेम वर्कर्स को बदलने के लिए नहीं किया जा रहा है. इसके बजाय, हम मौजूदा समस्याओं पर AI का उपयोग कर रहे हैं ताकि टीमों का काम तेज और अधिक सटीक हो सके.

साल 2012 में आया था ये गेम

बता दें क‍ि कैंडी क्रश को पहली बार साल 2012 में फेसबुक पर लॉन्च किया गया था. इसके बाद ये लगातार अपडेट हो रहा है. किंग ने हाल ही में गेम का 300वां क्लाइंट वर्जन जारी किया है. किंग एक स्वीडिश वीडियो गेम डेवलपर है. किंग को साल 2016 में एक्टिविजन ब्लिजार्ड ने $5.9 बिलियन में खरीदा था.